Sep 14, 2010

రన్జీత్ రాజ్వడ

ఈ వారాంతపు జీటీవి వారి సరిగమప సూపర్ సింగర్ కార్యక్రమంలో రన్జీత్ రాజ్వడ అనే ఓ కొఱ్ఱాడు ఈ పాట పాడాడు.

कल चौदहवीं की रात थी
शब भर रहा चर्चा तेरा
कुछ ने कहा ये चाँद है
कुछ ने कहा चेहरा तेरा

१) हम भी वहीं मौजूद थे
हम से भी सब पूछा कि ये
हम हंस दिये हम चुप रहे
मंज़ूर था परदा तेरा, कल ...

२) इस शहर में किस से मिलें
हम से तो छूटी महफ़िलें
हर शख्स तेरा नाम ले
हर शख्स दीवाना तेरा, कल ...

३) कूचे को तेरे छोड़कर
जोगी ही बन जाएं मगर
जंगल तेरे पर्वत तेरे
बस्ती तेरी सेहरा तेरा, कल ...

४) बेदर्द सुननी हो तो चल
कहता है क्या अच्छी गज़ल
आशिक़ तेरा रुसवा तेरा
शायर तेरा इन्शा तेरा, कल ...

అత్భుతంగా పాడాడు, అత్భుతమైన ఘజల్.
రన్జీత్ పాటని అత్భుతంగా పాట్టమే కాకుండా హార్మోనియాన్ని అత్భుతంగా వాయించాడు.
ఇక్కడ చూడండి వీడియో...

ఈ పిల్లాడు ఇంతక మునుపటి ఎపిసోడ్లలో కూడా అత్భుతమైన పాటలు ఆలపించాడు
నన్నాకట్టుకున్న ఆ ఘజల్ -

चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है

खींच लेना वो मेरा पदर्ए का कोना बफ़-अ-तन
और दुपट्टे में वो तेरा मुँह छुपाना याद है

बेरुखी के साथ सुनना ददर्-ए-दिल की दासताँ
वो कलाई में तेरा कंगन घुमाना याद है

वक़्त-ए-रुख्सत अलविदा का लफ़्ज़ कहने के लिये
वो तेरे सूखे लबों का थर-थराना याद है

चोरी चोरी हम से तुम आकर मिले थे जिस जगह
मुद्दतें गुज़रीं पर अब तक वो ठिकाना याद है

दोपहर की धूप में मेरे बुलाने के लिये
वो छज्जे पर तेरा नंगे पाँव आना याद है

तुझसे मिलते ही वो बेबाक़ हो जाना मेरा
और तेरा दाँतों में वो उंगली दबाना याद है

तुझ को जब तंहा कभी पाना तो अज़्राहे-लिहाज़
हाल-ए-दिल बातों ही बातों में जताना याद है

आ गया अगर वस्ल की शब भी कहिन ज़िक़्र-ए-फ़िरक़
वो तेरा रो रो के भी मुझको रुलाना याद है



మీరూ ఆనందించండి

1 comment:

  1. good voice

    Vishal Sekhar కోసం చూస్తున్నా ఈ షో

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