Jul 9, 2018

मुसाफ़िर हूँ मैं यारों

मुसाफ़िर हूँ मैं यारों ना घर है ना ठिकाना मुझे चलते जाना है, बस, चलते जाना मुसाफ़िर... एक राह रुक गई, तो और जुड़ गई मैं मुड़ा तो साथ\-साथ, राह मुड़ गई हवा के परों पे, मेरा आशियाना मुसाफ़िर...

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